प्रवासी भारतीय सम्मेलन के मंच से मोदी ने दिया 'चुनावी' भाषण
जयपुर।। प्रवासी भारतीय दिवस के मंच से राजनीति भाषण देते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र की यूपीए सरकार पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने केंद्र सरकार पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि जिन प्रदेशों में विपक्षी दलों का शासन है, उन्हें केंद्र का 'आशीर्वाद' नहीं मिलता। उन्होंने दावा किया कि उनके राज्य ने जितनी भी प्रगति की है, वह अपने संसाधनों के बलबूते की है।
मोदी के इस भाषण की तारीफ भी खूब हुई। श्रोताओं की तालियों के बीच मोदी ने अपने गुणगान करते हुए केंद्र सरकार की खिंचाई में कोई कोताही नहीं की।
मोदी के मुताबिक, उन्होंने पाकिस्तान की सीमा से लगे राजस्थान और गुजरात के रेगिस्तानी क्षेत्र में सौर ऊर्जा इकाई लगाने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
प्रवासी भारतीय दिवस के अपने संबोधन में मोदी ने कहा, 'राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री का आशीर्वाद मिला हुआ है, पर हम उतने भाग्यशाली नहीं हैं। हमें कुछ नहीं मिला है। हमें सब कुछ खुद के बलबूते पर करना पड़ा है।'
मोदी के 30 मिनट के संबोधन के बाद श्रोताओं ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया। इस दौरान उन्होंने प्रदेश द्वारा की गई प्रगति पर प्रकाश डाला।
मोदी ने दावा किया कि गुजरात ने कभी अपनी विकास योजनाओं के लिए केंद्र से कोष की मांग नहीं की। उन्होंने कहा, 'मैंने पिछले साल प्रधानमंत्री को एक लेटर लिखा था। आम तौर पर एक मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री को क्या लिखता है? वह कोष की मांग करता है, पर मैंने कोष की मांग करते हुए कभी लेटर नहीं लिखा। इस लेटर में प्रधानमंत्री से गुजरात के लिए एक सैटलाइट मांगा गया था, पर वह इस बात को लेकर असमंजस में थे कि क्या किया जाए।'
उन्होंने कहा, 'बहरहाल प्रदेश को एक भारतीय अंतरिक्ष संचार उपग्रह पर एक पूर्णकालिक ट्रांसपोंडर मिला, जिससे प्रदेश एक समय में 12 सेक्टरों में दूरस्थ शिक्षा दे सकता था। यह प्रदेश में सुशासन, दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम और टेलिमेडिसिन के क्षेत्र में सुधार के लिए था।'
सौर ऊर्जा उत्पादन इकाई स्थापित करने के संबंध में मोदी ने कहा, 'मैंने एक बार प्रधानमंत्री को सुझाव दिया था कि अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे राजस्थान और गुजरात के रेगिस्तान क्षेत्रों में सौर ऊर्जा यूनिट लगाई जाएं, जिससे सीमा की सुरक्षा और सौर ऊर्जा उत्पादन का दोहरा उद्देश्य पूरा हो सके।' उन्होंने बिना और कुछ बताते हुए कहा, 'आप जानते हैं, उसका क्या हुआ।'
मोदी के इस भाषण की तारीफ भी खूब हुई। श्रोताओं की तालियों के बीच मोदी ने अपने गुणगान करते हुए केंद्र सरकार की खिंचाई में कोई कोताही नहीं की।
मोदी के मुताबिक, उन्होंने पाकिस्तान की सीमा से लगे राजस्थान और गुजरात के रेगिस्तानी क्षेत्र में सौर ऊर्जा इकाई लगाने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
प्रवासी भारतीय दिवस के अपने संबोधन में मोदी ने कहा, 'राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री का आशीर्वाद मिला हुआ है, पर हम उतने भाग्यशाली नहीं हैं। हमें कुछ नहीं मिला है। हमें सब कुछ खुद के बलबूते पर करना पड़ा है।'
मोदी के 30 मिनट के संबोधन के बाद श्रोताओं ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया। इस दौरान उन्होंने प्रदेश द्वारा की गई प्रगति पर प्रकाश डाला।
मोदी ने दावा किया कि गुजरात ने कभी अपनी विकास योजनाओं के लिए केंद्र से कोष की मांग नहीं की। उन्होंने कहा, 'मैंने पिछले साल प्रधानमंत्री को एक लेटर लिखा था। आम तौर पर एक मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री को क्या लिखता है? वह कोष की मांग करता है, पर मैंने कोष की मांग करते हुए कभी लेटर नहीं लिखा। इस लेटर में प्रधानमंत्री से गुजरात के लिए एक सैटलाइट मांगा गया था, पर वह इस बात को लेकर असमंजस में थे कि क्या किया जाए।'
उन्होंने कहा, 'बहरहाल प्रदेश को एक भारतीय अंतरिक्ष संचार उपग्रह पर एक पूर्णकालिक ट्रांसपोंडर मिला, जिससे प्रदेश एक समय में 12 सेक्टरों में दूरस्थ शिक्षा दे सकता था। यह प्रदेश में सुशासन, दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम और टेलिमेडिसिन के क्षेत्र में सुधार के लिए था।'
सौर ऊर्जा उत्पादन इकाई स्थापित करने के संबंध में मोदी ने कहा, 'मैंने एक बार प्रधानमंत्री को सुझाव दिया था कि अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे राजस्थान और गुजरात के रेगिस्तान क्षेत्रों में सौर ऊर्जा यूनिट लगाई जाएं, जिससे सीमा की सुरक्षा और सौर ऊर्जा उत्पादन का दोहरा उद्देश्य पूरा हो सके।' उन्होंने बिना और कुछ बताते हुए कहा, 'आप जानते हैं, उसका क्या हुआ।'
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